उद्विकास एवं प्रगति में अंतर बताएं
Answers
उद्विकास एवं प्रगति में अंतर...
उद्विकास: उद्विकास से तात्पर्य उस प्रक्रिया से है, जिसके अन्तर्गत कोई वस्तु सरलता से जटिलता की ओर अग्रसर होती है, तो वह प्रक्रिया उद्विकास कहलाती है। वस्तुओं के सरलीकरण से जटिलीकरण की इस प्रक्रिया में कुछ चरण होते हैं। इन चरणों के क्रमबद्ध तरीके से वस्तु की संरचना सरलता से जटिलता की ओर बढ़ती जाती है। जिन वस्तुओं में उद्विकास होता है, ऐसी वस्तु में विकास की संभावनाएं पहले से विद्यमान होती हैं।
उद्विकास एक निश्चित दिशा में निरंतर होने वाली प्रक्रिया होती है, जिसमें वस्तु की संरचना एवं गुणों में निरंतर परिवर्तन होता रहता है, विशेषकर वस्तु के आंतरिक गुणों में परिवर्तन भी होता है।
प्रगति: प्रगति उस परिवर्तन को कहते हैं जो समाज के हित के लिए किया गया कार्य होता है। अर्थात ऐसे परिवर्तन जिससे कोई समाज स्वयं को अच्छा महसूस करें, उसे वह परिवर्तन अच्छे लगे वही उसके लिए प्रगति है। प्रगति का कोई निश्चित स्वरूप नहीं है, जिस समाज को जिस कार्य से सुविधा प्राप्त होती है, उसका वर्तमान और भविष्य उत्तम बनता है, वही उसके लिए प्रगति है। प्रगति सदैव हितात्मक दिशा में होने वाला कार्य है, प्रगति को सभी समाजों पर प्रगति का कोई सार्वभौमिक स्वरूप नहीं होता। इसे सभी समाजों पर समान रूप से लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि हर समाज के प्रगति के मापदंड अलग-अलग होते हैं।
इस तरह हम विकास और प्रगति में स्पष्ट अंतर समझ सकते हैं। जहां उद्विकास एक परिवर्तनशील प्रक्रिया है, जो किसी वस्तु की संरचना और एवं गुणों में निरंतर परिवर्तन लाती रहती है, वहीं प्रगति एक विकासात्मक प्रक्रिया है, लेकिन ये लोगों या समाज के हित से संबंधित होती है।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼
Explanation:
उद्विकास एवं प्रगति में अंतर बताएं