उद्वेलित कर अश्रु-राशियाँ,
हृदय-चिताएँ
धधकाकर,
महा महामारी प्रचंड हो
फैल रही थी इधर-उधर।
क्षीण-कंठ मृतवत्साओं का
करुण रुदन दुर्दात नितांत,
भरे हुए था निज कृश रव में
हाहाकार अपार अशांत। koi iska matlab bata do yrr bhabarth
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Answer:
व्यक्ति हमेशा दूसरों की गलतियों से ही सीखता है अगर वह अपने ऊपर प्रयोग करेगा तो सीखने के लिए उसकी उम्र कम पड़ सकती है।
Explanation:
बहुत लोग हालात बदलने का प्रयास नहीं करते हैं। वो सोचते हैं कि जैसा चल रहा है वैसा ही चलने दो हमें क्या करना है।
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