उद्यमेन हि सिद्धयन्ति कार्याणि न मनोरथैः - इस पंक्ति का अर्थ है
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परिश्रम से ही कार्य सिद्ध होते हैं, केवल इच्छा करने से नहीं।
इच्छा से ही कार्य सिद्ध होते हैं, केवल परिश्रम करने से नहीं।
इनमें से कोई नहीं।
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the first option is the correct answer
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परिश्रम से ही कार्य सिद्ध होते हैं केवल मन की इच्छा से नहीं
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