Hindi, asked by rahulsurma135, 1 month ago

उद्यमिता के विकास में विकासात्मक संस्थाओं के योगदान का वर्णन कीजिए जज​

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Answered by athravJha
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तरणताल और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और

Explanation:

रिजर्व बैंक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक और तकनीक

Answered by mithu456
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उत्तर:
उद्यमी द्वारा किय गये कार्य को उद्यमिता कहते हैं। उद्यमिता एक आर्थिक क्रिया है जो बाजार में व्याप्त सम्भावनाओं को पहचानने की प्रक्रिया है। आर्थिक क्षेत्र में परम्परागत रूप में उद्यमिता का अर्थ व्यवसाय एवं उद्योग में निहित विभिन्न अनिश्चितताओं एवं जोखिम का सामना करने की योग्यता एवं प्रवृत्ति है। उद्यमिता समाज के लोगो में नये नये प्रयोग एवं अनुसंधान करने तथा उपयोगिताओं का सृजन करने की योग्यताओं का विकास करके रोजगार के अवसरों में वृद्धि को करने का कार्य करता है।




उद्यमिता के विकास में विकासात्मक संस्थाओं के :
उद्यमिता के विकास से तात्पर्य व्यक्तियों की साहसिक क्षमताओं एवं योग्यताओं को पहचानने, विकसित करने तथा उनके प्रयोग हेतु अधिकतम अवसर उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया से है। उद्यमिता विकास को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया गया है।बैंकों व वित्तीय संस्थाओं की भूमिका-बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के द्वारा भी रियायती दरों पर वित्त उपलब्ध कराके उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके साथ ही बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थायें रुग्ण इकाइयों जो विशेष ऋण सुविधा, पुनर्वित्त एवं आवश्यक परामर्श प्रदान करके साहस के विकास में योगदान दे सकती है।
इससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति मिलती है। बेरोजगारी की समस्या को कम करने, ठहराव की समस्या को दूर करने और व्यापार और उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता और वृद्धि को बढ़ाने के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जाता है। विज्ञापन: उद्यमिता विकास विकास क्षमता और नवाचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।


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