'उदर की दृप्ति' से लेखक का क्या तात्पर्य है for class X hindi ch 13 Kshitij
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➲ ‘उदर की तृप्ति’ से लेखक का अभिप्राय पेट भर जाने से है।
व्याख्या ⦂
✎... ‘लखनवी अंदाज’ पाठ में जब लेखक ने देखा कि ट्रेन के डिब्में में सामने बैठे नवाब ने खीरा नज़ाकत के साथ काटा, उसे कपड़े पर सजाया, फिर खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का अभिनय किया और खीरा खिड़की से बाहर फेंक दिया। उसके बाद डकार पेट भरने वाली डकार भी ली। इससे लेखक को संदेह हुआ कि क्या ऐसे तरीके से भी उदर की तृप्ति यानी पेट भर सकता है, क्योंकि नवाब ने वास्तव में खीरा खाया तो नहीं था, केवल उसे सूंघने और खाने का अभिनय किया।
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