उधौ तुम हो अति बड़भागी'पद किस कवि का है?
Answers
Answered by
1
Answer:
pata nahi bro soory.......
Answered by
6
ऊधौ,तुम हो अति बड़भागी.
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी.
पुरइनि पात रहत जल भीतर,ता रस देह न दागी.
ज्यों जल मांह तेल की गागरि,बूँद न ताकौं लागी.
प्रीति-नदी में पाँव न बोरयौ,दृष्टि न रूप परागी.
'सूरदास' अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यों पागी.
यह पद सूरदास का है।
PLZ MARK AS BRAINLIST ANSWER
Similar questions