utsah class 10th
Kavi Aakash mein gire hue badalon Ko dekhkar kya Kalpana karta hai
Answers
उत्साह कविता में गिरे हुए बादलों को देखकर क्या कल्पना करता है?
यह प्रश्न उत्साह’ कविता से लिया गया है|
‘उत्साह’ कविता में कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ में जीवन में सकारात्मक को अपनाने का संदेश दिया है।
उत्साह कविता में गिरे हुए बादलों को देखकर कवि ने बादलों की कल्पना ओज और होश के लिए करता है | वह बादलों को जोर से बरसने को कहते है ताकी सोए हुए जाग जाए और लोगों में क्रांति और चेतना की भावना आए| कवि समाज में परिवर्तन लाना चाहते थे | बादल मानव जीवन में क्रांति लाने की और इशारा करता है| कवि ने बादलों के माध्यम से घोर गर्जना करते हैं और बरसते हैं जिससे मन में उत्साह का भाव का संचार होता है। युवकों के मन से आलस को हटाने के लिए कहा और उन्हें जागने के लिए प्रेरित किया है|
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