utsah or at nahi rahi Kavita Mein Kavi kya Sandesh Dete Hai
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Answer: कविता 'अट नहीं रही है' हमें यह संदेश देती है-
Explanation:इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि जिस प्रकार बसंत ऋतु के आगमन से सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है उसी प्रकार हमें भी अपने श्रेष्ठ कार्यों से समाज, राष्ट्र व विश्व कि आभामय बनाना चाहिए। ऐसे कार्य करने चाहिए कि सभी हमारा यशगान करें।
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'उत्साह' कविता में कवि 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' से हमें यह संदेश मिलता है की-
- संसार के सभी लोग गर्मी के कारण व्याकुल और अनमने हो रहे थे।
- संसार के संपूर्ण मानव-समुदाय में बदलाव के परिणामस्वरूप व्याकुलता और अनमनी परिस्थितियों का वातावरण बना हुआ था।
- साहित्य के द्वारा ही समाज में चेतना का भाव आने का भरोसा बना है। हे कभी न समाप्त होने बादल!
'अट नहीं रही है' इस कविता में कवि यह सन्देश देते हैं हमें कि-
- कवि ने वंसत ऋतु की सुंदरता का वर्णन करके जीवन की जीवंतता का संदेश देने का प्रयत्न किया है।
- कवि कहते हैं कि वसंत ऋतु की सुंदरता इतनी मनमोहक हो गई है कि उसकी शोभा प्रकृति में समा नहीं पा रही।
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