utsah poem summary in Hindi
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कविता : उत्साह
कवि : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
सारांश ( summary )
' उत्साह ' कविता में कवि निराला जी
ने,आसमान में बादल के गरजने का वर्णन
किया है। वह कहते है कि , बादल तुम गरजो
और पूरे नभ को घेर लो अर्थात् पूरे आसमान
में छा जाओ । यहां कवि ने बादल को काले
बालों से तुलना किया है। आगे कवि बादलों
को गरजने हेतु कहता है । यहां बादलों का गरजना
' उत्साह ' के समान है । कवि कहते है कि संसार
में निराशा छाया हुआ है , सब लोग पानी के लिए
तरस रहें है । है बादल तुम गर्जो और अपने बूंदों से
इनमें उत्साह भर दो ।
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