Uttar Pradesh ki Bhaashaon ko vistar me batieye
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राज्य के मूल निवासियों को आमतौर पर उत्तर प्रदेशी कहा जाता है, ये अधिक विशेष रूप से अवध,पूर्वाञ्चल,बृज, बुन्देलखण्ड, या रोहिलखंड(रोहिलखण्ड) इत्यादि क्षेत्र के आधार पर जाने पहचाने जाते हैं। हिन्दू धर्म का तीन-चौथाई से अधिक आबादी द्वारा अभ्यास किया जाता है, जिसमें इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा सम्प्रदाय है।
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बुंदेलखंड, पूर्वांचल, रुहेलखंड की करीब 40 भाषाओं का अस्तित्व संकट में
By: Laxmi Narayan
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Published: 05 Aug 2017, 05:22 PM IST
उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली कई भाषाओं और बोलियों पर भी संकट मंडरा रहा है।
लखनऊ. पीपुल्स लिंग्विस्टिक ऑफ इंडिया के एक सर्वे के मुताबिक़ आने वाले 50 वर्षो में भारत की 400 से अधिक भाषाएं और बोलियां नष्ट हो जाएंगी। सर्वे के अनुमानों को सही मानें तो उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली कई भाषाओं और बोलियों पर भी संकट मंडरा रहा है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रचलित अवधी, बुंदेली, ब्रजभाषा, कन्नौजी आदि बोलने वालों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। कई क्षेत्रीय और आदिवासी समूहों के बीच प्रचलित बोलियां भी दम तोड़ चुकी हैं। इन सबके बीच खड़ी हिंदी बोलने वालों की संख्या जरूर बढ़ी है। भोजपुरी ने क्षेत्रीय भाषा होने के बावजूद अपवाद के रूप में अपने अस्तित्व को न सिर्फ बनाये रखा बल्कि कई पैमाने पर वह वैश्विक भी नजर आती है।