ऊंचाई कविता का सारांश
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अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दूरद्रष्टा राजनेता और प्रधानमंत्री तो थे ही वह एक साहित्यप्रेमी कवि के रूप में भी खूब चर्चित रहे. उन्होंने खूब लिखा और छपे भी. उनकी कई रचनाओं को खूब शोहरत मिली, जिनमें उनके कविता संग्रह 'मेरी इक्वावन कविताएं' की दो अनुभूतियां, दूध में दरार पड़ गई, कदम मिलाकर चलना होगा, मनाली मत जइयो, मौत से ठन गई, पंद्रह अगस्त का दिन कहता और एक बरस बीत गया आदि खूब चर्चित हुईं. पर इन सबके बीच इनसानियत और मनुष्यता को लेकर लिखी उनकी कविता 'पहचान' और 'ऊंचाई' की चर्चा अभी मौजू है. आखिर अपनी इस कविता से वह देश, समाज, नेताओं और आगे बढ़ गए लोगों को क्या संदेश देना चहते थे.
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर साहित्य आजतक के पाठकों के लिए 'मेरी इक्वावन कविताएं' संकलन से उनकी वही दो कविताएं, इस सोच से कि आप भी पढ़ें और समझें उनके संदेशों को.
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