Hindi, asked by msandeepkumar12345, 8 months ago

ऊंचाई तक ले जाते है या फिर खाई मे फेंकना – से आशय है?

(अ) आर्थिक विकास व आर्थिक अभाव
(आ) आत्मिक उत्थान व पतन
(इ) धार्मिक दृष्टि से उत्थान व पतन
(ई) बौद्धिक उत्थान व पतन​

Answers

Answered by ZAMEDES
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Answer:

आत्मिक उत्थान व पतन

Explanation:

आत्मिक उत्थान व पतन

Answered by chamilmajumder
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Answer:

आत्मिक उत्थान और पतन से है। हमारे विचार ही हमें ऊँचाई तक ले जाते हैं और हमारे विचार ही हमें नीचे खाई तक फेंक देते हैं। हमारे विचार के कारण ही हमें सुख मिलता है।

(आ) आत्मिक उत्थान व पतन

संसार के सभी धरम धर्मों में एक बात समान है, वह है प्रार्थना, ईश्वर भक्ति। प्रार्थना द्वारा हम अपने हदय के भाव प्रभु के सम्मुख रखते हैं और कुछ न कुछ उस शक्तिमान से माँगते हैं। जब हमें मार्ग नहीं सूझता तो हम प्रार्थना करते है। प्रार्थना  का फल उत्तम हो, इसके लिए हम अपने अंदर उत्तम  विचार और एकाग्र मन उत्पन्न  करने होते हैं, क्योंकि विचार ही मनुष्य  को पीड़ा पहुँचाते हैं या उससे मुक्त  करते है। हमारे विचार ही हमे ऊँचाई तक ले जाते हैं या फिर खाई में  फ़ेंक देते हैं। यह मन ही हमारे लिए दुःख लाता है और यही आनंद की ओर ले जाता है। यजुर्वेद के एक मंत्र के अनुसार यह मन सदा ही प्रबल और चंचल है। यह जड़  होते हुए भी सोते - जागते कभी भी चैन नहीं लेता। जितनी देर हम जागते रहते है, उतनी देर यह कुछ न कुछ सोचता हुआ भटकता रहता है।  

Explanation:

मन जो अत्यंत गतिशील है, उसको स्थिर और वश में कैसे किया जाए। मन को वश मे करने  का यह तात्पर्य  नहीं कि यह गतिहीन  हो जाए और यह गतिहीन हो ही नहीं सकता। जिस प्रकार अग्नि का धर्म ऊष्ण  है उस परकार चंचलता मन का धर्म है|

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