Hindi, asked by guriyasingh7033, 7 months ago

ऊ‌‌चे कुल का जन्म था , जो करनी उच्च ना होई ।सुब्रत कलश सुरा भरा ,साधु निंदा सोई।​

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Answered by vickygaikwad1417
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Answer:

भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि ऊँचे कुल में जन्म तो ले लिया लेकिन अगर कर्म ऊँचे नहीं है तो ये तो वही बात हुई जैसे सोने के लोटे में जहर भरा हो, इसकी चारों ओर निंदा ही होती है।

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