Hindi, asked by anaamkhan47, 2 months ago

ऊँचे कुल का जनमिया, जे करनी ऊँच न होइ।
सुबरन कलस सुरा भरा, साधू निंदा सोइ।।
कर्म अच्छे न होने पर क्या व्यर्थ है ? कवि ने किस दृष्टांत से इसे
समझाया है ?
दूसरी पंक्ति का भाव स्पष्ट करें ?​

Answers

Answered by borhaderamchandra
1

Answer:

(क) कर्म अच्छे न होने पर उच्च कुल ( उंचा खानदान) व्यर्थ है

दुसरी पंक्ती का भाव

तुम साधू भी होंगे तब भी तुमहारा निंदा ही होगी अगर तुमहारा पाणी का कलश दारू से भरा हो तो

Answered by sunilbhabor820
0

Explanation:

uh CV hug check kg d in CS djcj XD h is at in NB d DDF g GH Dr Dr jr zish

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