ऊँची काली दीवारों के घेरे में,
डाकू, चोरों, बटमारों के डेरे में
जीने को देते नहीं पेट भर स्वाना,
मरने भी देते नहीं तड़प रह जाना।
जीवन पर अब दिन रात का कड़ा पहरा है,
शासन है, या तम का प्रभाव गहरा है?
हिमकर निराश कर चला रात भी काली,
इस समय कालिमामयी जगी क्यूँ आली?
(1) उपरोक्त काव्यांश की कविता एवं कवि का नाम लिखिए
।
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that is your answer
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उपरोक्त काव्यांश की कविता का नाम कैदी और कोकिला है।
कवि का नाम लिखिए का नाम माखनलाल चतुर्वेदी है।
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Hope it helps!!!!
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