Hindi, asked by singleboy143, 11 months ago

ऊंचे ऊंचे भवन उठ रहे हैं पर आंगन का नाम नहीं पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए​

Answers

Answered by Shubhgyanji
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Answer:

ऊँचे-ऊँचे भवन उठ रहे, पर आँगन का नाम नहीं,

चमक-दमक, आपा-धापी है, पर जीवन का नाम नहीं

Explanation:

यह पंक्तिया हमारे वर्तमान जीवन की कड़वी सचाई की और हमारा ध्यान आकर्षित करती है, ऊँचे-ऊँचे भवन हमारी बाहरी और दिखावे वाले जीवन का प्रतिक है। हम बाहर से विकसित तो हो रहे पर हमारा आँगन खो रहा है।

आंगन बचपन, प्यार, ख़ुशी, उत्सव, परिवार में भाईचारे का प्रतिक रहा है, मगर आज इस आप धापी और चमक दमक में यह सब कुछ सिमटता जा रहा है।

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