उड़ने को नभ में तुम, पर-पर कर देते हो” प्रस्तुत पंक्ति के द्वारा किसकी आतुरता का वर्णन किया गया है? 'अट नहीं रही है' कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्लीज आंसर
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उड़ने को नभ में तुम पर-पर कर देते हो’ से ज्ञात होता है कि फागुन में चारों ओर इस तरह सौंदर्य फैल जाता है कि वातावरण मनोरम बन जाता है। रंग-बिरंगे फूलों के खुशबू से हवा में मादकता घुल जाती है। ऐसे में लोगों का मन कल्पनाओं में खोकर उड़ान भरने लगता है।
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