उड़ती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली-पीली।
जो हरित धरा से झाँक रही,
नीलम की कलि तीसी नीली
plz explain
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जौ और गेहूं में बालियाँ आ जाने से धरती खुशी से रोमांचित लग रही है। ये बालियाँ धरती की दंतपंक्तियों की तरह लग रही है। उस रोमांच की शोभा अरहर और सन वसुधा की करघनी बनकर बढ़ा रही हैं। सरसों के पीले फूल अपना तैलीय सुगंध बिखेर रहे हैं। साथ में तीसी के नीले फूल मानों नीलम पत्थर के नगीने की तरह दिख रहे हैं।
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