ऊपर से नीचेदाएँ से बाएँ1.संपत्ति के बँटवारे के लिए लिखा गया इच्छा पत्र4.महीना, मास6.चिपचिपा, लसीला9. पेड़ का मुख्य भाग10. भाषा लिखने के रूढ़ चिह्न1. वकील के द्वारा किया जाने वाला काम2.युगल,जोड़ा, युग्म3.माँ का भाई5.सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक7.सदा से चला आने वाला11.कुल, समस्त8. प्रसिद्ध भारतीय पक्षी विशेष हो12.घर,गृह13. पत्र, पत्ता13. एक पत्ता जिसे खाते हैं15
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मनुष्य जीवन में संपत्ति का बहुत महत्व है। क्योंकि यह जीवन यापन में सहायता करती है। इससे प्रतिष्ठा भी मिलती है। अध्ययन-अध्यापन में भी इससे मदद मिलती है।यह दो तरह की होती है- चल और अचल। चल और अचल संपत्ति में नामी और बेनामी सम्पत्ति का भी प्रचलन है।व्यक्ति या संस्था विशेष के लिए हर तरह से संपत्ति अर्जित करने का खास महत्व होता है। क्योंकि अधिकांश मौके पर यही आपकी पहचान बनती है। चल सम्पत्ति में रुपये-पैसे, स्वर्णाभूषण आदि आते हैं, जबकि अचल संपत्ति में जमीन-जायदाद, मकान-दुकान-बगान आदि आते हैं। आजकल ज्ञान और तकनीक भी एक संपदा है। सबमें सतुंलन भी आवश्यक है। अधिकांश लोग सम्पत्ति प्राप्त करते ही बहक जाते हैं। इसका दुरुपयोग करने लगते हैं। लेकिन कुछ लोग अपने नाम से भी बनाते हैं और अपने मित्रों, परिजनों के नाम से भी। जब हम दूसरों के नाम से अपनी कोई संपत्ति बनाते हैं तो वह बेनामी सम्पत्ति कहलाती है।