'ऊर्जा को बचाना भी ऊर्जा का संरक्षण है'। इस कथन की व्याख्या करते हुए ऊजा संरक्षण के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक
कदमों की विवेचना कीजिए।'खनिज हमारे जीवन का अपरिहार्य हिस्सा है'। उपयुक्त उदाहरणों के साथ इस कथन की व्याख्या
स्वरूपों की व्याख्या कीजिए।
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Explanation:
किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा का मान नियत रहता है अर्थात किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा संरक्षित रहता है , ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है , ऊर्जा को केवल एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है इसे ही ऊर्जा का संरक्षण का नियम या सिद्धांत कहलाता है। “
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ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण:-
- ज्यादातर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का इस्तेमाल करना।
- जब जरूरत नहीं हो तब बिजली स्विच ऑफ कर देना।
- बिजली बचत करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल बिजली उपकरणों का नियमित रूप से जाँच करना।
- ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों का अक्सर इस्तेमाल करना।
- आखिरकार 'ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा उत्पादन है।
खनिज संसाधनों का संरक्षण:-
खनिजों का निरंतर खनन करते रहने पर कुछ वर्षों बाद उनकी समाप्ति हो जाती है। एक बार शोषण होने पर समाप्त होने खनिजों का संरक्षण अति आवश्यक है। विश्व में खनिजों का असमान वितरण मिलता है और उसकी मात्रा सीमित है। अतः उनके संचित भंडार के संरक्षण की और भी अधिक आवश्यकता है। खनिजों का संरक्षण इन विधियों से किया जा सकता है।
- धात्विक खनिजों को खोदकर निकालने और माल तैयार करने में होने वाली बर्बादी को रोकना या कम करना।
- विरल या कम प्राप्य खनिजों के लिये विकल्पों की खोज तथा प्रतिस्थापन, जैसे धातुओं के स्थान पर प्लास्टिक, टीन की जगह अल्यूमिनियम का उपयोग आदि।
- सभी खनिजों का बार-बार उपयोग संभव नहीं है फिर भी कुछ खनिजों के स्क्रैप- जैसे रद्दी माल को प्रयोग में लाना भी संरक्षण की एक महत्त्वपूर्ण विधि है।
- नए खनिज क्षेत्रों और नए खनिजों की खोज करते रहना।
- आखिरकार 'खनिज हमारे जीवन का अपरिहार्य हिस्सा है'।
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