CBSE BOARD X, asked by saifrehan200362, 1 year ago

ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण भारत में क्यों आवश्यक है कोई तीन कारण बताइए

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Answered by richa311
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देश के औद्योगीकरण के लिए खनिज तथा ऊर्जा के संसाधनों की आवश्यकता होती है।
औद्योगीकरण के प्रसार के कारण खनिज तथा ऊर्जा के संसाधनों को तेजी से दोहन किया जा रहा है। निस्सन्देह खनिज हमारी राष्ट्रीय सम्पदा हैं। देश के आर्थिक विकास के लिए उनका दोहन आवश्यक है, किन्तु ये सभी साधन क्षयशील होते हैं। यदि उनको दोहन और प्रयोग इसी प्रकार जारी रहा तो वे हमेशा के लिए समाप्त हो जाएँगे। ऐसी स्थिति में खनिज संसाधनों के अन्धाधुन्ध शोषण को रोकना चाहिए तथा इस प्रकार उनको प्रयोग करना चाहिए, जिससे वे अधिकाधिक समय तक उपलब्ध होते रहे। इसी प्रक्रिया को संरक्षण कहते हैं।

देश में शक्ति संसाधनों की उपलब्धता, संचित भण्डार एवं भविष्य की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनका संरक्षण करना अति आवश्यक है। इस संरक्षण के लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी रहे हैं|

1) भारत में शक्ति संसाधनों के भण्डार अत्यन्त सीमित हैं। अत: इनका प्रयोग आवश्यक कार्यों में ही किया जाना चाहिए। कल-पुर्जा की नियमित ग्रीसिंग करते रहने से तेल की खपत कम होती है। यदि आवश्यक हो, तो पुरानी मशीनें बदलकर नई मशीनें लगाई जानी चाहिए।

2)शक्ति संसाधनों; कोयला, खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस; की निरन्तर खोज करते रहना चाहिए।

3)शक्ति संसाधन अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ होते हैं; इन्हें आग से बचाने के उपाय किए जाने चाहिए।

4)‘कोयले की खुदाई करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि चूरा कम-से-कम हो। चूरे की टिकलियाँ बनाकर उन्हें उपयोग में लाया जाना चाहिए।

5)कृषि, उद्योग एवं परिवहन साधनों तथा घरेलू कार्यों में शक्ति संसाधनों की माँग निरन्तर तेजी से बढ़ती जा रही है। अत: वैज्ञानिकों को वैकल्पिक शक्ति संसाधनों की खोज करने के प्रयास निरन्तर करते रहना चाहिए।

6)पेट्रोलियम पदार्थ ढोने वाले टैंकरों एवं पाइप लाइन की नियमित जाँच कराते रहना चाहिए। अनुमान लगाया गया है कि एक-एक बूंद का रिसाव होते रहने से एक वर्ष में 500 लीटर तक तेल नष्ट हो जाता है।

7)कोयला खदानों में स्तम्भों के रूप में पर्याप्त कोयला व्यर्थ ही छोड़ दिया जाता है; अतः खदानों से सम्पूर्ण कोयले की खुदाई की जानी चाहिए। यदि आवश्यक रूप में कोयला बचता भी है तो उसकी टिकली बना देनी चाहिए।

8)खाना पकाने की गैस (L.PG.), मिट्टी के तेल तथा विद्युत का ही अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि पेट्रोलियम के भण्डार सीमित हैं। इससे 15% तक पेट्रोल की बचत की जा सकती है।

9)कोयला एवं पेट्रोलियम के भण्डार के उन्नत तरीकों को अपनाकर 15% तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। ऊर्जा संसाधनों के प्रयोग की प्रौद्योगिकी में सुधार कर उपभोग को सीमित किया जा सकता है।

10)यद्यपि ऊर्जा के वैकल्पिक एवं स्थानापन्न संसाधनों के खोजने के वैज्ञानिक प्रयास किए गए हैं; परन्तु अभी तक कोई कारगर उपाय नहीं खोजा जा सका है। अत: इस ओर खोज एवं अनुसन्धानों को निरन्तर जारी रखने की आवश्यकता है।
Answered by garinameena2004
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