Chemistry, asked by kundan120, 11 months ago

ऊष्मागतिकी का प्रथम व द्वितीय नियम संयुक्त रूप से परिभाषित कीजिये।​

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Answered by Anonymous
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Answer:

hiiii

your answer is here !

Explanation:

=> प्रथम नियमानुसार ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है एवं न ही नष्ट किया जा सकता है। यद्यपि एक प्रकार की ऊर्जा को दूसरी प्रकार की ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। जबकि द्वितीय नियमानुसार ब्रह्माण्ड की एन्ट्रॉपी लगातार बढ़ रही है, इसकी सहायता से ऊर्जा के स्थानान्तरण की दिशा स्वतः प्रक्रम एवं ऊष्मा ऊर्जा के कार्य में परिवर्तन की गणना की जा सकती है।

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Answered by dhayadon
2

Explanation:

Heya!

Your answer is :

ऐसे उषक इंजन का निर्माण करना संभव नहीं है जो पूरे चक्र में काम करते हुए केवल एक ही पिंड से उष्मा ग्रहण करे और काम करनेवाले निकाय में बिना परिवर्तन लाए उस संपूर्ण उष्मा को काम में बदल दे (प्लांक-केल्विन)।

ऐसे उषक इंजन का निर्माण करना संभव नहीं है जो पूरे चक्र में काम करते हुए केवल एक ही पिंड से उष्मा ग्रहण करे और काम करनेवाले निकाय में बिना परिवर्तन लाए उस संपूर्ण उष्मा को काम में बदल दे (प्लांक-केल्विन)।बिना बाहरी सहायता के कोई भी स्वत: काम करनेवाली मशीन उष्मा को निम्नतापीय पिंड से उच्चतापीय में नहीं ले जा सकती, अर्थात् उष्मा ठंडे पिंड से गरम में स्वत: नहीं जा सकती (क्लाज़िउस)।

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