ऊष्मा गतिक निकाय की आन्तरिक ऊर्जा का क्या अर्थ है? आन्तरिक ऊर्जा को अद्वितीय फलन क्यों कहते हैं?
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इस का मात्रक टाऊ है (1) आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन एक बीजीय राशि है। ... आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =+ve(ऊष्माशोषी) आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन =-ve(ऊष्माक्षेपी) चूँकि आन्तरिक ऊर्जा का मान निकाय में उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करता है,अतः यह एक मात्रात्मक गुण अथवा विस्तीर्ण गुण है।
आन्तरिक ऊर्जा को अद्वितीय फलन क्यों कहते हैं? क्योंकि दो ऊप्मागतिक अवस्थाओं के बीच आन्तरिक ऊर्जा मे परिवर्तन प्रक्रम पर निर्भर नहीं है।
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