ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धार” पंक्ति के द्वारा गोपियाँ क्या बताना चाहती हैं ? सूरदास के ‘पदों’ के आधार पर लिखिए |
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¿ ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धार” पंक्ति के द्वारा गोपियाँ क्या बताना चाहती हैं ? सूरदास के ‘पदों’ के आधार पर लिखिए |
✎... “ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धार” इन पंक्तियों से माध्यम से गोपियाँ उद्धव से ये कहना चाहती हैं, कि पहले के लोग भले थे जो परहित की खातिर भाग-भागे चले आए। यहाँ श्रीकृष्ण अपना कहकर भी कहकर भी परायो जैसा व्यवहार करने लगे। यहाँ पर गोपियां उद्धव को श्री कृष्ण के प्रति उलाहने देते हुए यह बात कहती हैं।
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कुछ और जानें —▼
प्रश्न 1- गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में किस प्रकार बसाया हुआ है?
प्रश्न 2- गोपियां योग रूपी बीमारी किन्हे सौ प देना चाहती हैं और क्यों?
प्रश्न 3- गोपियां श्री कृष्ण से अपना मन वापस क्यों लेना चाहती हैं?
प्रश्न 5- गोपियां श्रीकृष्ण को राजा के क्या कर्तव्य याद दिलाती हैं?
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