Hindi, asked by subhammahato35, 1 month ago

ऊधौ, तुम हौ अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तें, नाहिन मन अनुरागी।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यौं जल माह तेल की गागरि, बूंद न ताकौं लागी।
प्रीति-नदी मैं पाउँ न बोस्यौ, दृष्टि न रूप परागी।
'सूरदास' अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी।।

Meanning ​

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Answered by officialpriyanshu72
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