Science, asked by ambalalkumhar1986, 1 month ago

ऊध्वृपातन द्वारा किसी प्रीमियम के शिक्षण को पृथक किया जा सकता है प्रयोग द्वारा स्पष्ट करे।​

Answers

Answered by manishadhiman31
10

Answer:

मिश्रण : प्रकार एवं पृथक्करण

क्रिस्टलन विधि

आसवन विधि

उर्ध्वपातन

प्रभाजी आसवन

भाप आसवन

चुम्बकीय पृथक्करण

मिश्रण के अवयवों को पृथक (अलग) करने की आवश्यकता-कोई भी पदार्थ उसके शुद्ध रूप में होना महत्वपूर्ण होता है। ... अतः पदार्थ के शुद्ध रूप प्राप्त करने के लिए पृथक्करण किया जाता है। मिश्रणों से अशुद्धियों को पृथक करके हम उनकी गुणवत्ता, शुद्धता, सामर्थ्य एवं उपयोगिता बढ़ा सकते हैं।

पदार्थों का पृथक्करण की अनेक विधियाँ हैं जो निम्नलिखित है.

निष्पावन

थ्रेसिंग

चालन

वाष्पन

संघनन

अवसादन

निस्तारण

निस्यंदन

कुछ पदार्थ गर्म करने पर सीधे ठोस रूप से गैस बन जाते हैं, इसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। जैसे- आयोडिन, कपूर आदि। सामान्यतः ठोस पदार्थों को गर्म करने पर वे द्रव अवस्था में परिवर्तित होता हैं और उसके पश्चात्‌ गैसीय अवस्था में, लेकिन कुछ ठोस पदार्थ ऐसे होते हैं; जिन्हें गर्म किये जाने पर वे द्रव अवस्था में आने के बदले सीधे वाष्ण में परिणत हो जाते हैं और वाष्ण को ठंडा किये जाने पर पुनः ठोस अवस्था में हो जाते हैं

ठोस पदार्थ ←→ वाष्ण

ठंडा करने पर

ऐसे पदार्थों को ऊर्ध्वपातन कहा जाता है व इस प्रकार की क्रिया ऊर्ध्वपातन कहलाती है। रसायन विज्ञान में ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा दो ऐसे ठोसों के मिश्रण को अलग करते हैं, जिसमें एक ठोस ऊर्ध्वपातित हो, दूसरा नहीं। ऐसे ठोसों के मिश्रण को गर्म करने पर ऊर्ध्वपातन ठोस सिधे वाष्ण अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। इस वाष्ण को अलग ठंडा कर लिया जाता है। इस प्रकार दोनों ठोस पृथक्‌ हो जाते हैं। इस विधि के द्वारा कपूर, नेफ्थलीन, अमोनियम कलोराइड, एंथ्रासीन, बेंज़ोइक अम्ल आदि पदार्थ शुद्ध किये जाते हैं।

उर्ध्वपातन (sublimation) एक भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ अपनी ठोस अवस्था से सीधे गैस मे परिवर्तित हो जाता है । इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पदार्थ की अवस्था किसी मध्यवर्ती द्रव अवस्था मे परिवर्तित नहीं होती है। कपूर का ठोस अवस्था से सीधे वाष्प के रूप में उड़ जाना उर्ध्वपातन का एक उदाहरण है।

Similar questions