Hindi, asked by tanu5597, 1 year ago

v. भावार्थ लिखिए :
1. मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक
पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक

पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक

इस दोहे की रचियता गोस्वामी तुलसीदास जी है | इस दोहे में तुलसी दस जी कहते है , मुख मतलब मुहँ और मुखिया दोनों स्वभाव की समानता दर्शाते हुए कहते है की मुखिया मुहँ के समान होना चाहिए | जैसे मुह खाने-पिने का काम करता है और शरीर के सभी अंगो का पालन -पोषण करता है | उसी प्रकार में मुखिया को भी विवेकवान होना चाहिए वह ऐसे काम करें की उसके परिवार का पालन-पोषण भी अच्छे हो जाए   |

Answered by sanghanirishit10
3

Answer:

मुखिया मुख सों चाहिए, खान पान को एक। पालै पोसै सकल अंग, तुलसी सहित विवेक॥ ... इस प्रकार तुलसीदासजी कहते हैं कि मुँह खाने पीने का काम अकेला करता है, लेकिन वह जो खाता पीता है, उससे शरीर के सारे अंगों का पालन पोषण करता है। इसलिए मुखिया को भी ऐसे ही विवेकवान होकर वह अपना काम अपने तरह से करे लेकिन उसका फल सभी में बाँटे।

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