Biology, asked by jitesh273112, 7 months ago

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फसलों की उपज में सुधार हेतु महत्त्वपूर्ण सुझाव दीजिए​

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Answered by mayankpandey6920
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फसल सुधार विभाग

संस्थान में फसल सुधार संभाग भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का एक महत्वपूर्ण सतम्भ है, यह अनुभाग वर्ष 1986 से अस्तित्व में आया। अपने प्रारम्भिक काल से ही यह संभाग महत्वपूर्ण पर्वतीय फसलों के पौध प्रजनन एवं आनुवंशिकी अनुसंधान में उल्लेखनी योगदान दे रहा है। इस संस्थान ने देश में पहली द्विउद्देशीय गेहूँ की प्रजाति, बेबीकार्न की पहली प्रजाति, देश में पहली एमएएस से ली गयी क्यू पी एम संकर जैसे अनेक महत्वपूर्ण अनुसंधान किए है।

इस संस्थान ने 17 प्रमुख पर्वतीय फसलों की 136 उच्च उपज व रोग प्रतिरोधी किस्मों को विकसित किया है। इनमे से अनेक प्रजातियाँ मण्डल मे अत्यन्त लोकप्रिय है, तथा इनमें से कुछ प्रजातियाँ देश के अन्य हिस्सों मे भी लोकप्रिय है। इन उच्च उपज देने वाली प्रजातियों से संस्थान का मान एवं यश बढ़ा है। यह संस्थान फसल आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन की दृष्टि से निरन्तर संस्थान के अनुसंधान कार्यों को ऊँचाई पर ले जा रहा है।

प्रमुख क्रिया कलाप

महत्वपूर्ण पर्वतीय फसलों में व्यावहारिक अनुसंधान एवं प्रजातियों का विकास

महत्वपूर्ण पर्वतीय फसलों की आनुवांशिकी वृद्धि के लिए आधारीय एवं रणनीतिक अनुसंधान

संभाग द्वारा विकसित प्रौद्यौगिकी का हस्तान्तरण

महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ : प्रमुख पर्वतीय फसलों के उन्नयन के लिए किए गए सघन अनुसंधान कार्यों के कारण संस्थान ने 17 फसलों की 136 उच्च उपज देने वाली प्रजातियाँ विकसित की है। इनमें से 71 प्रजातियाँ राज्य स्तर पर तथा उत्तराखण्ड राज्य के लिए 61, प्रजातियाँ उत्तर पश्चिमी हिमालयी राज्यों और 28 देश के अन्य भागों के लिए विमोचित की गयी है।

संस्थान द्वारा प्राप्त की गयी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ नीचे दी गयी है-

देश में मक्का की पहली संकर प्रजाति वी एल मक्का 54 विमोचित की गयी ।

देश में प्याज की पहली संकर किस्म वी एल प्याज 67 उत्तराखण्ड एवं मैदानी क्षेत्रों के लिए विमोचित की गयी ।

देश में शीतकालीन एवं बसन्तकालीन गेहूँ के जीनो के संयोजन से अगेती बुवाई वाली पहली द्विउद्देशीय गेहूँ की प्रजाति वी एल गेहूँ 616 देश के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए विकसित कर विमोचित की गयी।

देश में झूंस रहित गेहूँ की पहली प्रजाति वी एल गेहूँ 738 विमोचित की गयी जो पर्वतीय क्षेत्रों में फसल की कटाई के समय ओलों के प्रकोप से सुरक्षित रहती है।

राष्ट्रीय स्तर पर सर्वप्रथम अतिशीघ्र पकने वाली द्विउद्देशीय (दाने एवं बेबीकॉर्न) दोहरे संकर मक्का की संकर प्रजाति वी एल मक्का 42 विकसित की गयी।

देश में पहली अतिशीघ्र पकने वाली स्वीट कॉर्न के एकल संकर हाइब्रिड वी एल. स्वीट कॉर्न 1 विमोचित की गयी।

पहली अतिशीघ्र पकने वाली डबल टाप क्रास मक्का की हाइब्रिड प्रजाति हिम 129 को राष्ट्रीय स्तर पर विमोचित किया गया।

झौंका रोग प्रतिरोधी मंडूवा की प्रजाति वी एल मंडुवा 149 को पूरे देश के लिए विमोचित किया गया।

चैतीधान की प्रजाति वी एल धान 206 विमोचित किया गया। इस किस्म ने उत्तराखण्ड के अधिकांश भागों से स्थानीय किस्मों को प्रतिस्थापन कर दिया।

Answered by mdindonesiaserver319
0

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