v) किसी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को क्या
कहते हैं?
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Answer:
किसी पदार्थ के गर्म या ठंढे होने के कारण उसमें जो ऊर्जा होती है उसे उसकी ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं। अन्य ऊर्जा की तरह इसका मात्रक भी जूल (Joule) होता है पर इसे कैलोरी (Calorie) में भी व्यक्त करते हैं।
Answer: ऊष्मा की मात्रा को स्थिर ताप कहते हैं
Explanation: स्थिर ताप पर किसी पदार्थ की अवस्था को बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा गुप्त ऊष्मा कहलाती है।
गुप्त ऊष्मा की परिभाषा- किसी पदार्थ की स्थिर ताप पर अवस्था को बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा गुप्त ऊष्मा कहलाती है।
अव्यक्त ऊष्मा, किसी पदार्थ द्वारा उसकी भौतिक अवस्था (चरण) में परिवर्तन के दौरान अवशोषित या जारी की गई ऊर्जा जो उसके तापमान को बदले बिना होती है। किसी ठोस के पिघलने या किसी द्रव के जमने से जुड़ी गुप्त ऊष्मा को संलयन ऊष्मा कहते हैं; जो किसी तरल या ठोस के वाष्पीकरण या वाष्प को संघनित करने से जुड़ा होता है, वाष्पीकरण की ऊष्मा कहलाता है।
उदाहरण के लिए, जब पानी का एक बर्तन उबलता रहता है, तो तापमान 100 डिग्री सेल्सियस (212 डिग्री फारेनहाइट) पर तब तक बना रहता है जब तक कि आखिरी बूंद वाष्पित नहीं हो जाती, क्योंकि तरल में डाली जाने वाली सारी गर्मी वाष्पीकरण की गुप्त गर्मी के रूप में अवशोषित हो जाती है और दूर ले जाती है भागने वाले वाष्प के अणु।
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