(v) "नमक का दारोगा" रचना गद्य की किस विधा का प्रतिनिधित्व करती है ?
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नमक का दरोगा प्रेमचंद द्वारा रचित लघु कथा है। इसमें एक ईमानदार नमक निरीक्षक की कहानी को बताया गया है जिसने कालाबाजारी के विरुद्ध आवाज उठाई। यह कहानी धन के ऊपर धर्म के जीत की है।
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‘नमक का दरोगा’ रचना गद्य की ‘कहानी’ विधा का प्रतिनिधित्व करती है।
व्याख्या :
‘नमक का दरोगा’ रचना गद्य की कहानी विधा की रचना है। इस कहानी की रचना हिंदी के प्रसिद्ध कहानीकार-उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद ने की है।
‘नमक का दरोगा’ कहानी एक ईमानदार दरोगा मुंशी वशीधर की कर्तव्य परायणता पर आधारित है, जिसने अपने कर्तव्य पालन के लिए लाखों रुपए की रिश्वत तक ठुकरा दी और अपनी ईमानदारी के कारण उसे अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। लेकिन उसने अपने कर्तव्य का पालन नहीं छोड़ा। आखिर में उसे अपनी ईमानदारी का फल मिला और जिस व्यक्ति पंडित अलोपदीन के कारण उसकी नौकरी गई थी, उसी ने उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर मैनेजर की नौकरी पर रख लिया।