(v) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
अथवा
दुःख की पिछली रजनी बीत,
विकसता सुख का नवल प्रभात।
एक परदा यह झीना नील.
छिपाये हैं जिसमें सुख-गात ।
जिसे तुम समझे हो अभिशाप,
जगत की ज्वालाओं का मूल।
ईश का वह रहस्य वरदान
कभी मत जाओ इसको भूल ।
(i) कवि ने दुःख की तुलना किससे की है?
(i) कवि के अनुसार झीना परदा में क्या छिपा हुआ है?
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(i) कवि ने दुःख की तुलना बीत जाने वाली रात से की है ।
(i) कवि के अनुसार झीना परदा में सुख का सुंदर गीत छिपा हुआ है ।
- कवि कहते हैं कि दुख के बाद खुशी दुख और शोक का अनुभव करने के बाद खुशी और संतोष महसूस करने की भावनात्मक स्थिति को संदर्भित करता है।
- यह कठिन अनुभवों से उबरने और आगे बढ़ने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। दुःख कई रूपों में आ सकता है, जैसे किसी प्रियजन का नुकसान, रिश्ते का अंत, या व्यक्तिगत झटका।
- ये अनुभव अविश्वसनीय रूप से दर्दनाक हो सकते हैं और हमें खोया हुआ और अकेला महसूस कर सकते हैं। लेकिन समय के साथ, जैसे-जैसे हम अपनी भावनाओं को संसाधित करते हैं और जो कुछ हुआ है उसके साथ तालमेल बिठाते हैं, हम एक बार फिर से आशा और खुशी की भावना महसूस करने लगते हैं।
- यह आनंद हमारे द्वारा अनुभव किए गए दुःख का प्रतिस्थापन नहीं है, बल्कि यह याद दिलाता है कि जीवन चलता रहता है ।
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