Hindi, asked by partynilesh15, 2 months ago

(v) त्यजेत् इत्य

स्मिन् पदे कः लकार:?
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Answered by rishabhshah2609
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Answer:

उत्तम पुरुष

Explanation:

संस्कृत में काल बताने के लिए 10 लकारों का प्रयोग होता है। 10 लकारों में पांच लकारों का प्रयोग अधिक होता है। लट्, लङ्, ऌट्, लोट् , विधिलिङ्। लट् लकार का प्रयोग वर्तमान काल के लिए होता है। लङ् लकार का प्रयोग भूतकाल के लिए होता है। ऌट् लकार का प्रयोग भविष्य काल के लिए होता है तथा विधिलिङ् लकार का प्रयोग प्रार्थना, आशीर्वाद ,विधि निर्देश आदि में होता है तथा अंत में चाहिए शब्द हो तो विधिलिङ् लकार का प्रयोग होता है।

•संस्कृत भाषा में पुरुष 3 होते हैं -

१. प्रथम पुरुष - जिसके विषय में बात की जाती है वह प्रथम पुरुष कहलाता है संस्कृत भाषा में प्रथम पुरुष के तीनों लिंगो में विभिन्न रूप होते हैं  ।

२. मध्यम पुरुष - जिससे सीधी वार्ता होती है अथवा बात करते समय जो हमारे सामने रहकर हमारी (वक्ता की )बातें सुनता है वह मध्यम पुरुष कहलाता है। ये शब्द तीनो लिंगो में समान होते हैं।

३.उत्तम पुरुष - जिस  शब्द को व्यक्ति या वक्ता स्वयं अपने लिए प्रयोग करता है ,वह उत्तम पुरुष कहलाता है। ये शब्द तीनों लिंगों में समान होते हैं।

•संस्कृत में तीन वचन होते हैं - एकवचन >> जिससे एक वस्तु का बोध हो , द्विवचन >>  जिसमें दो वस्तुओं का बोध हो तथा बहुवचन >> जिससे अनेक वस्तुओं का बोध हो।

उत्तराणि:-

१.    

पदानि --- कुर्वन्ति

धातु: --- कृ

लकार: --- लट्लकारः

पुरुष: ---- प्रथमपुरुषः

वचनम् ---- बहुवचनम्‌

२.

पदानि --- आगच्छत्

धातु: --- आ + गम्

लकार: --- लङ्लकार:

पुरुष: ---- प्रथमपुरुषः

वचनम् ---- एकवचनम्‌

३.

पदानि --- निवसन्ति

धातु: --- नि + वस्

लकार: --- लट्लकारः

पुरुष: ---- प्रथमपुरुषः

वचनम् ---- बहुवचनम्‌‌

४.

पदानि --- गमिष्यति

धातु: --- गम्

लकार: --- ऌट्लकारः

पुरुष: ---- प्रथमपुरुषः

वचनम् ---- एकवचनम्‌

५.

पदानि --- अकरोत्

धातु: --- कृ

लकार: --- लङ्लकार:

पुरुष: ---- प्रथमपुरुषः

वचनम् ---- एकवचनम्‌

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