English, asked by amanrajpoot410, 7 months ago

(v) to grease the palm.
11. Translate the following into English:
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समय था जब भारत वास्तव में विश्व का नैतिक गुरु था। भारतीय जीवन, संस्कृति और
की नैतिक मान्यतायें, मानव जीवन को सुख-शान्ति प्रदान करने का माध्यम मानी जाती
तब, मनुष्य चरित्र व मूल्यों के पीछे भागता था जबकि आज मनुष्य, सब कुछ एक तरफ
इकर, पैसे के पीछे भाग रहा है। मूल्य, मान्यताओं या चारित्रिक सुधार की बात तो सपना
हो गयी है। स्थिति यह है कि पैसे की चकाचौंध ने, ऊँचे से ऊंचे पद पर बैठे सरकारी पदाधि
री को पतन की गहरी खाई में फेंक दिया है जहाँ से उसके बाहर आने की कोई आशा
। पतन की यह आँधी देश को कहाँ ले जायेगी केवल भगवान ही जानता है। पर यदि हम
नी नैतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के महत्व की ओर तनिक भी ध्यान दें और
मान्यताओं के अनुसार अपने जीवन को ढालने का प्रण करें तो अभी भी प्राचीन गौरव को
मात कर सकते हैं।
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Answered by mksingh96
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Answer:

A time when the India was a real guluru of rules.Indian life ,Indian culture are the source to provide satisfaction and relaxation to humans.On that days human constraint on character, reality.but in now days people just constraint on money. Nothing character, truth, reality,trust are just like a dream.The condition is due to money a person on a higher post is just want only one thing that is bribe.This bribe take the world on which side no one know without God.But if we think about importance of culture,honesty etc.than may be we save our past proud at some level.

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