विभाग.1:गद्य: 20अंक गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ 1. (अ) निम्नलिखित पठित कीजिए: दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती ,यदि थोड़ी बहुत आ भी जाए तो मिलने वाले जगा देते हैं- खास कर वे लोग जो सिर्फ औपचारिकता निभाने आते हैं | इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती ,ये सिर्फ सूरत दिखाने आते हैं | ऐसे में एक दिन मैंने तय किया कि आज कोई भी आए, मैं आँख नहीं खोलूँगा | चुपचाप पड़ा रहूँगा | ऑफिस के बड़े बाबू आए और मुझे सोया जानकर जाने के बजाय वे सोचने लगे कि यदि मैंने इन्हें नहीं देखा तो कैसे पता चलेगा कि वे वापस मिलने आए थे | अतः उन्होंने मुझे धीरे -धीरे हिलाना शुरू किया | फिर भी जब आँखे नहीं खुली तो उन्होंने मेरी टॉग मुस्कराते हुए बोले -"कहिए ,अब दर्द कैसा है सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि के टूटे हिस्से को जो से दबाया | मैंने दर्द के मारे कुछ चीखते हुए जब आँख खोली तो वे से आते हैं | उस दिन जब आज फिर कोई दुर्घटना होगी | आते ही ?" मुहल्लेवाले अपनी फुरसत बच्चों से कहा -"ये देखो चाचा जी ! उनका अंदाज बंदर |" उन्होंने मेरी ओर इशारा करते हुए जैसे चिड़ियाघर दिखाते हुए बच्चों से कहा जाता है -"ये देखो 1. आकृति पूर्ण कीजिए : कुछ ऐसा था मरीज से मिलने आने वाले लोगों की विशेषताएँ N
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I can t understand this language
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: दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती ,यदि थोड़ी बहुत आ भी जाए तो मिलने वाले जगा देते हैं- खास कर वे लोग जो सिर्फ औपचारिकता निभाने आते हैं | इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती ,ये सिर्फ सूरत दिखाने आते हैं | ऐसे में एक दिन मैंने तय किया कि आज कोई भी आए, मैं आँख नहीं खोलूँगा | चुपचाप पड़ा रहूँगा | ऑफिस के बड़े बाबू आए और मुझे सोया जानकर जाने के बजाय वे सोचने लगे कि यदि मैंने इन्हें नहीं देखा तो कैसे पता चलेगा कि वे वापस मिलने आए थे | अतः उन्होंने मुझे धीरे -धीरे हिलाना शुरू किया | फिर भी जब आँखे नहीं खुली तो उन्होंने मेरी टॉग मुस्कराते हुए बोले -"कहिए ,अब दर्द कैसा है सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि के टूटे हिस्से को जो से दबाया | मैंने दर्द के मारे कुछ चीखते हुए जब आँख खोली तो वे से आते हैं | उस दिन जब आज फिर कोई दुर्घटना होगी | आते ही ?" मुहल्लेवाले अपनी फुरसत बच्चों से कहा -"ये देखो चाचा जी ! उनका अंदाज बंदर |" उन्होंने मेरी ओर इशारा करते हुए जैसे चिड़ियाघर दिखाते हुए बच्चों से कहा जाता है -"ये देखो 1. आकृति पूर्ण कीजिए : कुछ ऐसा था मरीज से मिलने आने वाले लोगों की विशेषताएँ N
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: दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती ,यदि थोड़ी बहुत आ भी जाए तो मिलने वाले जगा देते हैं- खास कर वे लोग जो सिर्फ औपचारिकता निभाने आते हैं | इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती ,ये सिर्फ सूरत दिखाने आते हैं | ऐसे में एक दिन मैंने तय किया कि आज कोई भी आए, मैं आँख नहीं खोलूँगा | चुपचाप पड़ा रहूँगा | ऑफिस के बड़े बाबू आए और मुझे सोया जानकर जाने के बजाय वे सोचने लगे कि यदि मैंने इन्हें नहीं देखा तो कैसे पता चलेगा कि वे वापस मिलने आए थे | अतः उन्होंने मुझे धीरे -धीरे हिलाना शुरू किया | फिर भी जब आँखे नहीं खुली तो उन्होंने मेरी टॉग मुस्कराते हुए बोले -"कहिए ,अब दर्द कैसा है सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि के टूटे हिस्से को जो से दबाया | मैंने दर्द के मारे कुछ चीखते हुए जब आँख खोली तो वे से आते हैं | उस दिन जब आज फिर कोई दुर्घटना होगी | आते ही ?" मुहल्लेवाले अपनी फुरसत बच्चों से कहा -"ये देखो चाचा जी ! उनका अंदाज बंदर |" उन्होंने मेरी ओर इशारा करते हुए जैसे चिड़ियाघर दिखाते हुए बच्चों से कहा जाता है -"ये देखो 1. आकृति पूर्ण कीजिए : कुछ ऐसा था मरीज से मिलने आने वाले लोगों की विशेषताएँ N