Hindi, asked by shubhamarora3441, 9 months ago

वीभत्स रस का स्थाई भाव क्या है

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Answered by varunpratap1947
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वीभत्स रस : इसका स्थायी भाव जुगुप्सा होता है घृणित वस्तुओं, घृणित चीजो या घृणित व्यक्ति को देखकर या उनके संबंध में विचार करके या उनके सम्बन्ध में सुनकर मन में उत्पन्न होने वाली घृणा या ग्लानि ही वीभत्स रस कि पुष्टि करती है दुसरे शब्दों में वीभत्स रस के लिए घृणा और जुगुप्सा का होना आवश्यक होता है।

Answered by ssanskriti1107
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Answer:

वीभत्स रस का स्थाई भाव घृणा है।

Explanation:

  • वीभत्स रस का स्थाई भाव घृणा है।
  • बीभत्स रस के स्थायी भाव घृणा की उत्पत्ति दो कारणों से मानी गयी है, एक विवेक और दूसरा अवस्था भेद।
  • पहले को ‘विवेकजा’ और दूसरा को ‘प्रायकी’ कहा जाता है।
  • जुगुप्सा का अर्थ है–भद्दी, घिनौनी, अप्रिय स्थिति, आदि का वर्णन जिससे घृणा का भाव उत्पन्न होता है।  
  • बीभत्स रस के तीन भेद होते हैं-
  1. क्षोभज
  2. शुद्ध
  3. उद्वेगी

  • स्थायी भाव – जुगुप्सा

#SPJ2

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