वि चार अत्यतं सक्ष्ू म होतेहैं। जि स व्यक्ति को लक्ष्य करके वि चार उत्पन्न होतेहैं, उसको वेवि शषे रूप सेप्रभावि त करतेहैं। वि चार एक प्रकार की शक्ति है, जो अत्यतं सक्ष्ू म हैऔर अपनेस्थानांतरण के लि ए उसेकि सी भौति क माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। वि चारों की शक्ति वस्ततु : उनके उद्गम स्थल पर नि र्भरर्भ करती है। व्यक्ति का मन जि तना नि र्मलर्म होता है, व्यक्ति त्व जि तना सशक्त होता है, उतनी ही शक्ति उसके द्वारा उत्पन्न वि चारों मेंहोती है। ऐसा व्यक्ति जब कोई बात कहता है, तब वह श्रोता के हृदय मेंसीधी प्रवेश करती है। ऐसेव्यक्ति यों के आशीर्वा द फलीभतू होतेहैं। अनेक व्यक्ति उनके अनयु ायी भी बन जातेहैं। इसके वि परीत जि नके मन मलि न होतेहैं, उनके व्यक्ति त्व दर्बुलर्ब होतेहैं। उनके वि चारों की शक्ति सीमि त रहती है। वेकि तनेही दि व्य वि चारों को प्रति पादि त करतेरहें, उनका प्रभाव श्रोताओंपर नगण्य होता है। आजकल के नेता इसी वर्ग के व्यक्ति त्व के धनी हैं। प्रायः लोग सोचतेहैंकि मन मेंहम जो चाहेसोचेंअथवा हमारेवि चार कुछ भी हों, कि सी को क्या मतलब? हम कि सी का क्या लेत-ेदेतेहैं? नि :सदं ेह वि चारों पर हमारा एकाधि कार है, परंतुउसके परि णाम पर नहीं। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मि श्रण मेंबि जली की चि गं ारी लगाना हमारेअधि कार मेंहै, परंतुचि गं ारी लगानेके बाद यह हमारेअधि कार मेंनहीं हैकि पानी नहींबने, अन्य कोई पदार्थ बन जाए। वि चार शक्ति के बारेमेंभी हमको यह समझ लेना चाहि ए कि वह भी कारण-कार्य के अबाध नि यम के अतं र्गतर्ग कार्य करती है। बारूद के साथ असावधानी कदाचि त्इतनी महँगी न पड़,े जि तनी वि चारोंजि तनी वि चारों के प्रति की गई असावधानी। वि चार शक्ति मेंनि हि त ऊर्जा परमाणुमेंनि हि त ऊर्जा के समकक्ष होती है। प्रश्न I. वि चार को 'शक्ति ' क्यों कहा गया हैऔर वि चारों का हमारेव्यक्ति त्व पर क्या प्रभाव पड़ता है? II. आजकल के नेताओंका चरि त्र कैसा हैऔर क्यों? Iv. वि चारों की बारूद के साथ तलु ना करनेका कारण स्पष्ट कीजि ए। IV. वि चारों की बारूद के साथ तलु ना करनेका कारण स्पष्ट कीजि ए । V.प्रस्ततु गद्यांश का मलू भाव बतातेहुए उचि त शीर्षकर्ष का चयन कीजि ए।
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sorry bro/sis
this question is to big to answer
please mark my answer as brainliest
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