विचारात्मक, आत्मकथात्मक, वर्णनात्मक यह लेखन कौशल की इस विधा के प्रकार है।
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वर्णनात्मक निबंध-उस निबंध को कहते हैं जिसमें किसी घटना, वस्तु अथवा स्थान का वर्णन होता है। वर्णन के लिए भाषा सरल और ओजस्वी होनी चाहिए और शैली रोचक। निबंध पढ़कर उस वस्तु घटना या स्थान का पूरा चित्र आँखों के सामने आ जाना चाहिए। किसी त्यौहार जैसे-होली, दीपावली, ईद या क्रिसमस, यात्रा, दृश्य, स्थान या घटना, गणतंत्र दिवस की परेड, ताजमहल, ओलपिक खेल आदि पर लिखे गए निबंध प्राय: वर्णनात्मक निबंध कहलाते है।
2.विचारात्मक निबंध-विचार या चिंतन की प्रधानता होने के कारण इन्हें विचारात्मक निबंध कहते हैं। इस प्रकार के निबंध लिखना प्राय: कठिन होता है, भूदान-यज्ञ, अहिंसा परमो धर्म:, अछतोद्धार विधवा-विवाह जैसे सामजिक राष्ट्रीय एकता, विश्वबंधुत्व जैसे राजनीतिक तथा ईश्वर, आत्मा जैसे दार्शनिक विषय आते है।
3. भावात्मक निबंध-भावना प्रधान कहलाते हैं जैसे- वसंतोत्सव, चांदनी रात, बुढ़ापा, बरसात का पहला दिन, मेरे सपनों का भारत आदि। इसमें कल्पनात्मक निबंध भी आते हैं। कल्पनात्मक निबंध के उदाहरण है- ‘यदि मैं प्रधानमंत्री होता’ मेरी अभिलाषा, ‘नदी की आत्मकथा’ आदि।
4. साहित्यिक या आलोनात्मक निबंध-किसी साहित्यकार, साहित्यिक विधा या साहित्यिक प्रवृत्ति पर लिखा गया निबंध साहित्यिक या आलोचनात्मक निबंध कहलाता है, जैसे मुंशी प्रेमचंद, तुलसीदास, आधुनिक हिन्दी कविता, छायावाद हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग आदि। इसमें ललित निबंध भी आते हैं। इनकी भाषा काव्यात्मक और रसात्मक होती है। ऐसे निबंध शोध पत्र के रूप में अधिक लिखे जाते
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