Hindi, asked by sourabd555, 4 months ago

विचार-विमर्श
HIL
24/10/2020
हम भी कभी-कभी बिना सोचे, बिना जाँचे-परखे, किसी
की बात सच मान लेते हैं। ऐसा करने से क्या नुकसान हो
सकता है?
C
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Answers

Answered by Anonymous
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Explanation:

लोग झूठी बातें इसलिए फैलाते हैं ताकि वे दूसरों को धोखा दे सकें, उनकी सोच को काबू में कर सकें और उन्हें अपने इशारों पर नचा सकें। किताब, झूठी जानकारी और दूसरों को कायल करना (अँग्रेज़ी) बताती है कि ऐसे झूठ “दूसरों को नुकसान पहुँचाते हैं और सही-गलत के उसूलों और न्याय के स्तरों के खिलाफ होते हैं।” इस तरह की झूठी बातों के लिए ऐसे शब्द भी इस्तेमाल हुए हैं जैसे, “गुमराह करना, जानकारी को तोड़-मरोड़कर पेश करना और किसी के सोच-विचारों को वश में करना।”

ये झूठ इसलिए खतरनाक हैं क्योंकि ये धीरे-धीरे आपकी सोच पर असर करते हैं और आपको पता भी नहीं चलता। ये एक ज़हरीले गैस की तरह हैं जिसे आप न तो देख सकते हैं, न सूँघ सकते हैं। इंसान के व्यवहार पर अध्ययन करनेवाला एक विशेषज्ञ, वांस पैकार्ड कहता है, “हमें एहसास नहीं होता कि झूठी जानकारी किस कदर हमारे व्यवहार पर असर करती है।” एक और विशेषज्ञ के मुताबिक इस तरह की जानकारी ने लोगों को खूँखार बनने और बिना सोचे-समझे काम करने के लिए उकसाया है। इस वजह से पूरी-की-पूरी जाति को मिटाया गया है, युद्ध हुए हैं और जाति और धर्म के नाम पर लोगों पर ज़ुल्म ढाए गए हैं।—अँग्रेज़ी किताब, इतिहास में फैलाए झूठ ने आसानी से लोगों को बहकाया।

अगर इंसान अपने झूठ से हमें बहका सकते हैं तो सोचिए शैतान हमें कितना गुमराह कर सकता है! वह सदियों से इंसान के तौर-तरीकों को देखता और समझता आया है। इसके अलावा, उसने “सारी दुनिया” को अपने कब्ज़े में कर लिया है, इसलिए झूठी बातें फैलाने के लिए वह दुनिया की किसी भी व्यवस्था का इस्तेमाल कर सकता है। (1 यूह. 5:19; यूह. 8:44) शैतान ने कई लोगों की ‘बुद्धि अंधी कर दी है’ जिस वजह से आज वह “सारे जगत को गुमराह” कर रहा है। (2 कुरिं. 4:4; प्रका. 12:9) आप शैतान के झूठ का कैसे डटकर सामना कर सकते हैं?

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