वंचित होना बाल्य जीवन का उद्दीपक दशाओ की न्यूनता है यह कथन किसका है
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वचिंत होना बाल्य जीवन की उदीपक दशाओं की न्यूनता हैं यह कथन है
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वंचित होना बाल्य जीवन का उद्दीपक दशाओ की न्यूनता है यह कथन किसका है ?
वंचित होना बाल्य जीवन का उद्दीपक दिशाओं की न्यूनता हैस यह कथन प्रसिद्ध विचारक 'गार्डन' का है।
व्याख्या :
गार्डन के अनुसार वंचन जीवन की उद्दीपक दशाओं की न्यूनता है। वंचन वास्तव में आवश्यक और अपेक्षित अनुभव और उद्दीपकों का अभाव होता है। यह उद्दीपक बालक के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक वातावरण से संबंधित होते हैं। इस वातावरण के बिना बालक का मानसिक व शारीरिक विकास नहीं हो पाता।
गार्डन के अनुसार वचन की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है कि वंचन सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक वातावरण से जुड़े अपेक्षित अनुभवों का अभाव है। यह अभाव बालक के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित करते हैं।
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