Hindi, asked by shrutirajak, 1 year ago

वाच्य के भेदों को परिभाषित करे । उदाहरण सहित ।

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Guys tomorrow is my exam.....​

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Answered by kritika2304
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वाच्य के तीन प्रकार हैं-

1. कर्तृवाच्य।

2. कर्मवाच्य।

3. भाववाच्य।

1.कर्तृवाच्य :- क्रिया के जिस रूप से वाक्य के उद्देश्य (क्रिया के कर्ता) का बोध हो, वह कर्तृवाच्य कहलाता है। इसमें लिंग एवं वचन प्रायः कर्ता के अनुसार होते हैं।

जैसे-

1.बच्चा खेलता है।

2.घोड़ा भागता है।

इन वाक्यों में ‘बच्चा’, ‘घोड़ा’ कर्ता हैं तथा वाक्यों में कर्ता की ही प्रधानता है। अतः ‘खेलता है’, ‘भागता है’ ये कर्तृवाच्य हैं।

2.कर्मवाच्य :- क्रिया के जिस रूप से वाक्य का उद्देश्य ‘कर्म’ प्रधान हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

जैसे-

1.भारत-पाक युद्ध में सहस्रों सैनिक मारे गए।

2.छात्रों द्वारा नाटक प्रस्तुत किया जा रहा है।

3.पुस्तक मेरे द्वारा पढ़ी गई।

4.बच्चों के द्वारा निबंध पढ़े गए।

इन वाक्यों में क्रियाओं में ‘कर्म’ की प्रधानता दर्शाई गई है। उनकी रूप-रचना भी कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हुई है। क्रिया के ऐसे रूप ‘कर्मवाच्य’ कहलाते हैं।

3.भाववाच्य :- क्रिया के जिस रूप से वाक्य का उद्देश्य केवल भाव (क्रिया का अर्थ) ही जाना जाए वहाँ भाववाच्य होता है। इसमें कर्ता या कर्म की प्रधानता नहीं होती है। इसमें मुख्यतः अकर्मक क्रिया का ही प्रयोग होता है और साथ ही प्रायः निषेधार्थक वाक्य ही भाववाच्य में प्रयुक्त होते हैं। इसमें क्रिया सदैव पुल्लिंग, अन्य पुरुष के एक वचन की होती है।

Answered by Anonymous
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Answer:

Hello dear

वाच्य किसे कहते हैं?

वाच्य क्रिया का वह रूप है जिससे यह पता चलता है कि कि कौन प्रधान हैं यानी कर्ता प्रधान हैं या क्रिया या फिर भाव।

वाक्य को English मे voice कहते हैं।

वाच्य तीन प्रकार के होते हैं।

(1) कर्तृवाच्य = जिस वाक्य मे कर्ता की प्रधानता का बोध हो उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। ⇒जैसे वह पुस्तक पड़ता है

(2) कर्मवाच्य = जिस वाक्य मे कर्म की प्रधानता का बोध हो उसे कर्मवाच्य कहते हैं। ⇒जैसे उसके द्वारा पढ़ा जाता है

(3) भाववाच्य = जिस वाक्य में क्रिया अथवा भाव की प्रधानता का बोध हो। जैसे ⇒मुझसे उठा नहीं जाता है

Thanks for ansking

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