Hindi, asked by kumarsanjeet2031, 5 months ago

वाच्य का परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए​

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Answered by ramchandramauryatbsh
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Answered by shraddhaaluna00
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वाच्य, क्रिया के उस रूपान्तरण को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता के साथ है, कर्म के साथ अथवा इन दोनों में से किसी के भी साथ न होकर केवल क्रिया के कार्य व्यापार (भाव) की प्रधानता है। राधा पत्र लिखती है। पत्र राधा द्वारा लिखा जाता है। तुमसे लिखा नहीं जाता।

वाच्य के भेद

रमेश केला खाता है। दिनेश पुस्तक पढ़ता है। उक्त वाक्यों में कर्ता प्रधान है तथा उन्हीं के लिए 'खाता है' तथा 'पढ़ता है' क्रियाओं का विधान हुआ है, इसलिए यहाँ कर्तृवाच्य है। (2) कर्मवाच्य (Passive Voice)- क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध हो।

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