Hindi, asked by kumarsanjeet2031, 3 months ago

वाच्य का परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए​

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Answered by deepalmsableyahoocom
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Answer:

वाच्य, क्रिया के उस रूपान्तरण को कहते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि वाक्य में क्रिया कर्ता के साथ है, कर्म के साथ अथवा इन दोनों में से किसी के भी साथ न होकर केवल क्रिया के कार्य व्यापार (भाव) की प्रधानता है। राधा पत्र लिखती है। पत्र राधा द्वारा लिखा जाता है। तुमसे लिखा नहीं जाता।

Explanation:

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Answered by TheEternity
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वाच्य की परिभाषा :-

वाच्य अर्थात "बोलने का विषय " l

क्रिया के कथ्य बिंदु को बताने वाले रूप को वाच्य कहते है l

क्रिया के जिस रूप से करता, कर्म या क्रिया के भाव का पता चलता है उसे वाच्य कहा जाता है l

वाच्य के तीन भेद होते है :-

i) कर्तृवाच्य

ii) कर्मवाच्य

iii) भव्ववाच्य

कर्तृवाच्य की परिभाषा :-

जिस वाक्य में क्रिया का केंद्र-बिंदु कर्ता हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है l

उदाहरण :-

स्नेहा कविता लिखती है l

बच्चे खेल रहे है l

कर्मवाच्य की परिभाषा :-

जिस वाक्य में क्रिया का केंद्र-बिंदु कर्म हो, उसे कर्मवाच्य कहते है l

उदाहरण :-

स्नेहा से कविता लिखी गयी l

बच्चों से खेला गया l

भाववाच्य की परिभाषा :-

जिस वाक्य में क्रिया का केंद्र-बिंदु स्वयं क्रिया का भाव हो उसे भाववाच्य कहते है l

उदाहरण :-

स्नेहा से कविता लिखी जाती है l

बच्चों से खेला जाता है l

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