Hindi, asked by hippargigeeta, 6 months ago

वाच्य किसे कहते हैं उसके भेदों के नाम​

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Answered by shrutiprajapati304
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क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। इनमें किसी के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन आदि आए हैं।

भेद: कर्तृवाच्य

कर्मवाच्य

भाववाच्य

Answered by Anonymous
26

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  • वाच्य किसे कहते हैं ? उसके भेदों के नाम |

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वाच्य किसे कहते हैं ?

क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया - व्यापार का प्रधान विषय कर्ता, कर्म या भाव है, उसे 'वाच्य' कहते हैं।

वाच्य के भेद :-

वाच्य तीन प्रकार के होते है -

  1. कर्तृवाच्य
  2. कर्मवाच्य
  3. भाववाच्य

कर्तृवाच्य क्रिया के जिस रूप में कर्ता की प्रधानता हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है।

कर्तृवाच्य में क्रिया कर्ता के अनुसार होती है, अर्थात कर्ता जिस पुरुष, लिंग एवं वचन का होता है, क्रिया भी उसी कें अनुसार होती है इस वाच्य में कर्ता ही वाक्य के उद्देश्य के रूप में विद्यमान होता है अर्थात वाक्य में कर्ता की प्रधानता होती है।

जैसे --

✪ मोर नाच रहा है।

✪ रवि पतंग उड़ता है।

✪ पिता जी पत्र लिखते हैं।

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कर्मवाच्य क्रिया के जिस रूप में कर्म की प्रधानता हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

कर्मवाच्य में क्रिया कर्म का अनुसरण करती है अर्थात कर्म जिस पुरुष, लिंग एवं वचन का होता है, क्रिया भी उसी के अनुसार होती है।

जैसे --

✪ मोर द्वारा नाचा जा रहा है।

✪ रवि द्वारा पतंग उड़ाई गई।

✪ पिता जी से पत्र लिखा जाता है।

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भाववाच्य क्रिया के जिस रूप में भाव की प्रधानता हो, उसे भाववाच्य कहते हैं।

भाववाच्य में न कर्ता की प्रधानता होती है, न कर्म की वरन भाव की प्रधानता होती। ऐसे वाक्यों में क्रिया का भाव ही मुख्य होता है। वाक्य में उद्देश्य के रूप में क्रिया का भाव विद्यमान होता है।

जैसे --

✪ मुझसे बोला नहीं जाता ।

✪ अब मुझसे रहा नहीं जाता।

✪ आप से खाया नहीं जयेगा।

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