वाच्य-परिवर्तनं (कर्तृवाच्याद् कर्मवाच्यम्, कर्मवाच्याद् वा कर्तृवाच्यम्) कुर्वन्तु-
(निम्न का वाच्य परिवर्तन कीजिए-)
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उत्तर -> कर्तृवाच्य -> काम करने वाले अर्थात कर्ता के अनुसार ही क्रिया, वचन, लिंग आदि होते हैं| ऐसे वाक्यों में कर्ता ही प्रमुख होता है| जैसे - राम: पाठं पठति| (राम पाठ पढ़ता है|)
कर्मवाच्य -> जिस वाक्य में क्रिया का पुरुष और वचन कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं|जैसे - रामेण पाठ: पठ्यते| (राम के द्वारा पाठ पढ़ा जाता है|)
भाववाच्य -> भाववाच्य में क्रियाएँ अकर्मक होती हैं| इसलिए इसमें कर्म नहीं होता | जैसे - रामेण पठ्यते| (राम के द्वारा पढ़ा जाता है|)
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