India Languages, asked by samvani3387, 10 months ago

वाच्यपरिवर्तनं कृत्वा लिखत-
उदाहरणम्- क्रुद्धः सिंहः इतस्तत: धावति गर्जति च।
- क्रुद्धेन सिंहेन इतस्ततः धाव्यते गय॑ते च।
(क) त्वया सत्यं कथितम्।
(ख) सिंह: सर्वजन्तन पृच्छति।
(ग) काक: पिकस्य संततिं पालयति।
(घ) मयूरः विधात्रा एव पक्षिराज: वनराजः वा कृतः।
(ङ) सर्वैः खगैः कोऽपि खगः एव वनराज : कर्तुमिष्यते स्म।
(च) सर्व मिलित्वा प्रकृतिसीन्दाय प्रयत्न कुर्वन्तु।

Answers

Answered by nikitasingh79
3

(क) त्वया सत्यं अकथय्

(ख) सिंहेन सर्वजन्तवः पृच्छ्यन्ते।  

(ग) काकेन  पिकस्य संततिं पालयते

(घ) मयूरः विधात्रा एव पक्षिराजं वनराजं वा कृतवान्।

(ङ) सर्वैः खगैः कोऽपि खगम् एव वनराजं कर्तुमिच्छनि्त स्म।

(च) सर्व मिलित्वा प्रकृतिसौन्दर्याय प्रयत्नः क्रियते

 

 

कुछ अतिरिक्त जानकारी :  

प्रस्तुत प्रश्न पाठ्यांश (सौहार्द प्रकृते: शोभा - सौहार्द प्रकृति की शोभा) से लिया गया है।  

 इस पाठ में पशु पक्षियों के माध्यम से समाज में स्वयं को दूसरों से अच्छा दिखाने की कोशिश को दिखाते हुए प्रकृति माता के द्वारा अंत में यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि सभी का यथा समय अपना अपना महत्व है तथा सभी एक दूसरे पर निर्भर है।  

 

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

मञ्जूषातः समुचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

स्थितप्रज्ञः, यथासमयम्, मेध्यामध्यभक्षकः, अहिभुक्, आत्मश्लाघाहीनः, पिकः।

(क) काक:.......भवति।

(ख)..................परभृत् अपि कथ्यते।

(ग) बकः अविचल:......................इव तिष्ठति।

(घ) मयूरः...................इति नाम्नाऽपि ज्ञायते।

(ङ) उलूक:.............. .....पदनिर्लिप्त: चासीत्।

(च) सर्वेषामेव महत्त्व विद्यते.....।

https://brainly.in/question/15083047

प्रकृतिप्रत्ययविभागं कुरुत/योजयित्वा वा पदं रचयत-

(क) क्रुध्+क्त

(ख) आकृष्य

(ग) सत्यप्रियता

(घ) पराक्रमी

(ङ) कूर्द क्त्वा

(च) शृण्वन्

brainly.in/question/15083049

Answered by SweetCandy10
2

Answer:-

(क) त्वया सत्यं अकथय्।

(ख) सिंहेन सर्वजन्तवः पृच्छ्यन्ते।  

(ग) काकेन  पिकस्य संततिं पालयते।

(घ) मयूरः विधात्रा एव पक्षिराजं वनराजं वा कृतवान्।

(ङ) सर्वैः खगैः कोऽपि खगम् एव वनराजं कर्तुमिच्छनि्त स्म।

(च) सर्व मिलित्वा प्रकृतिसौन्दर्याय प्रयत्नः क्रियते।

 

 

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