Sociology, asked by yogeshvermajamliya40, 5 hours ago

विचलन द्वारा उत्पन्न
आत्महत्या पर टिप्पणी कीजिए

Answers

Answered by gyaneshwarsingh882
2

जशास्त्र विभाग की स्थापना 1892 में एल्बिओन डबल्यू. स्माल द्वारा की गयी, जिन्होंने 1895 में अमेरिकन जर्नल ऑफ़ सोशिऑलजी की स्थापना की। [14]

Answer:

Please mark as brainliest

Explanation:

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से सम्बन्धित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचन[1][2] और विवेचनात्मक विश्लेषण[3] की विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करता है, अक्सर जिसका ध्येय सामाजिक कल्याण के अनुसरण में ऐसे ज्ञान को लागू करना होता है। समाजशास्त्र की विषयवस्तु के विस्तार, आमने-सामने होने वाले सम्पर्क के सूक्ष्म स्तर से लेकर व्यापक तौर पर समाज के बृहद स्तर तक है।

समाजशास्त्र, पद्धति और विषय वस्तु, दोनों के मामले में एक विस्तृत विषय है। परम्परागत रूप से इसकी केन्द्रियता सामाजिक स्तर-विन्यास (या "वर्ग"), सामाजिक संबंध, सामाजिक संपर्क, धर्म, संस्कृति और विचलन पर रही है, तथा इसके दृष्टिकोण में गुणात्मक और मात्रात्मक शोध तकनीक, दोनों का समावेश है। चूँकि अधिकांशतः मनुष्य जो कुछ भी करता है वह सामाजिक संरचना या सामाजिक गतिविधि की श्रेणी के अर्न्तगत सटीक बैठता है, समाजशास्त्र ने अपना ध्यान धीरे-धीरे अन्य विषयों जैसे- चिकित्सा, सैन्य और दंड संगठन, जन-संपर्क और यहाँ तक कि वैज्ञानिक ज्ञान के निर्माण में सामाजिक गतिविधियों की भूमिका पर केन्द्रित किया है। सामाजिक वैज्ञानिक पद्धतियों की सीमा का भी व्यापक रूप से विस्तार हुआ है। 20वीं शताब्दी के मध्य के भाषाई और सांस्कृतिक परिवर्तनों ने तेज़ी से सामाज के अध्ययन में भाष्य विषयक और व्याख्यात्मक दृष्टिकोण को उत्पन्न किया। इसके विपरीत, हाल के दशकों ने नये गणितीय रूप से कठोर पद्धतियों का उदय देखा है, जैसे सामाजिक नेटवर्क विश्लेषण।

इतिहास

ऑगुस्ट कॉम्ट

समाजशास्त्रीय तर्क इस शब्द की उत्पत्ति की तिथि उचित समय से पूर्व की बताते हैं। आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक प्रणालीयों सहित समाजशास्त्र की उत्पत्ति, पश्चिमी ज्ञान और दर्शन के संयुक्त भण्डार में आद्य-समाजशास्त्रीय है। प्लेटो के समय से ही सामाजिक विश्लेषण किया जाना शुरू हो गया। यह कहा जा सकता है कि पहला समाजशास्त्री 14वीं सदी का उत्तर अफ्रीकी अरब विद्वान, इब्न खल्दून था, जिसकी मुक़द्दीमा, सामाजिक एकता और सामाजिक संघर्ष के सामाजिक-वैज्ञानिक सिद्धांतों को आगे लाने वाली पहली कृति थी। [4][5][6][7][8]

शब्द "sociologie " पहली बार 1780 में फ़्रांसीसी निबंधकार इमेनुअल जोसफ सीयस (1748-1836) द्वारा एक अप्रकाशित पांडुलिपि में गढ़ा गया। [9] यह बाद में ऑगस्ट कॉम्ट(1798-1857) द्वारा 1838 में स्थापित किया गया। [10] इससे पहले कॉम्ट ने "सामाजिक भौतिकी" शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन बाद में वह दूसरों द्वारा अपनाया गया, विशेष रूप से बेल्जियम के सांख्यिकीविद् एडॉल्फ क्योटेलेट. कॉम्ट ने सामाजिक क्षेत्रों की वैज्ञानिक समझ के माध्यम से इतिहास, मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र को एकजुट करने का प्रयास किया। फ्रांसीसी क्रांति की व्याकुलता के शीघ्र बाद ही लिखते हुए, उन्होंने प्रस्थापित किया कि सामाजिक निश्चयात्मकता के माध्यम से सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है, यह द कोर्स इन पोसिटिव फिलोसफी (1830-1842) और ए जनरल व्यू ऑफ़ पॉसिटिविस्म (1844) में उल्लिखित एक दर्शनशास्त्रीय दृष्टिकोण है। कॉम्ट को विश्वास था कि एक 'प्रत्यक्षवादी स्तर' मानवीय समझ के क्रम में, धार्मिक अटकलों और आध्यात्मिक चरणों के बाद अंतिम दौर को चिह्नित करेगा। यद्यपि कॉम्ट को अक्सर "समाजशास्त्र का पिता" माना जाता है,[11] तथापि यह विषय औपचारिक रूप से एक अन्य संरचनात्मक व्यावहारिक विचारक एमिल दुर्खीम(1858-1917) द्वारा स्थापित किया गया था, जिसने प्रथम यूरोपीय अकादमिक विभाग की स्थापना की और आगे चलकर प्रत्यक्षवाद का विकास किया। तब से, सामाजिक ज्ञानवाद, कार्य पद्धतियां और पूछताछ का दायरा, महत्त्वपूर्ण रूप से विस्तृत और अपसारित हुआ है।

समाजशास्त्र का विकास 19वी सदी में उभरती आधुनिकता की चुनौतियों, जैसे औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वैज्ञानिक पुनर्गठन की शैक्षणिक अनुक्रिया, के रूप में हुआ। यूरोपीय महाद्वीप में इस विषय ने अपना प्रभुत्व जमाया और वहीं ब्रिटिश मानव-शास्त्र ने सामान्यतया एक अलग पथ का अनुसरण किया। 20वीं सदी के समाप्त होने तक, कई प्रमुख समाजशास्त्रियों ने एंग्लो अमेरिकन दुनिया में रह कर काम किया। शास्त्रीय सामाजिक सिद्धांतकारों में शामिल हैं एलेक्सिस डी टोकविले, विल्फ्रेडो परेटो, कार्ल मार्क्स, फ्रेडरिक एंगेल्स, लुडविग गम्प्लोविज़, फर्डिनेंड टोंनीज़, फ्लोरियन जेनिके, थोर्स्तेइन वेब्लेन, हरबर्ट स्पेन्सर, जॉर्ज सिमेल, जार्ज हर्बर्ट मीड,, चार्ल्स कूले, वर्नर सोम्बर्ट, मैक्स वेबर, अंतोनियो ग्राम्शी, गार्गी ल्यूकास, वाल्टर बेंजामिन, थियोडोर डब्ल्यू. एडोर्नो, मैक्स होर्खेइमेर, रॉबर्ट के. मेर्टोंन और टेल्कोट पार्सन्स.विभिन्न शैक्षणिक विषयों में अपनाए गए सिद्धांतों सहित उनकी कृतियां अर्थशास्त्र, न्यायशास्त्र, मनोविज्ञान और दर्शन को प्रभावित करती हैं।

Answered by nk8120138389
0

Explanation:

vichlan duara aatmhatya par tippani

Similar questions