Hindi, asked by ganeshmistri2001, 3 months ago

वाचन कौशल्य म्हणजे काय​

Answers

Answered by ayanpinjari70
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Explanation:

प्रश्न. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिएसंस्कृतियों के निर्माण में एक सीमा तक देश और जाति का योगदान रहता है।

संस्कृति के मूल उपादान तो प्रायः सभी सुसंस्कृत और सभ्य देशों में एक सीमा तक

समान रहते हैं, किंतु बाह्य उपादानों में अंतर अवश्य आता है। राष्ट्रीय या जातीय

संस्कृति का सबसे बड़ा योगदान यही है कि वह हमें अपने राष्ट्र की परंपरा से संपृक्त

बनाती है, अपनी रीति-नीति की संपदा से विच्छिन्न नहीं होने देती। आज के युग मै

राष्ट्रीय एवं जातीय संस्कृतियों के मिलन के अवसर अति सुलभ हो गए हैं, संस्कृतियों

का पारस्परिक संघर्ष भी शुरू हो गया है। कुछ ऐसे विदेशी प्रभाव हमारे देश पर पड़

रहे हैं, जिनके आतंक ने हमे स्वयं अपनी संस्कृति के प्रति संशयालु बना दिया है।

हमारी आस्था डिगने लगी है। यह हमारी वैचारिक दुर्बलता का फल है।

अपनी संस्कृति को छोड़, विदेशी संस्कृति के विवेकहीन अनुकरण से हमारे राष्ट्रीय

गौरव को जो ठेस पहुंच रही है, वह किसी राष्ट्रप्रेमी जागरूक व्यक्ति से छिपी नहीं है।

भारतीय संस्कृति में त्याग और ग्रहण की अद्भुत क्षमता रही है। अत: आज के

वैज्ञानिक युग में हम किसी भी विदेशी संस्कृति के जीवंत तत्वों को ग्रहण करने में

पीछे नहीं रहना चाहेंगे, किंतु अपनी सांस्कृतिक निधि की उपेक्षा करके नहीं। यह

परावलंबन राष्ट्र की गरिमा के अनुरूप नहीं है। यह स्मरण रखना चाहिए कि सूर्य की

आलोकप्रदायिनी किरणों से पौधे को चाहे जितनी जीवनशक्ति मिले. किंतु अपनी

जमीन और अपनी जड़ों के बिना कोई पौधा जीवित नहीं रह सकता। अविवेकी

अनुकरण अज्ञान का ही पर्याय है।

i. आधुनिक युग में संस्कृतियों पर परस्पर संघर्ष प्रारंभ होने का प्रमुख कारण

बताइए। (2)

ii. हम अपनी संस्कृति के प्रति शंकालु क्यों हो गए हैं? (2)

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