Hindi, asked by abhayshirodkar1508, 3 months ago

वाचनालय में एक घंटा पर निबंध​

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Answered by Anonymous
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\sf \colorbox{gold} {\red(अस्वीकरण: }

{कृपया जवाब गलत होने पर रिपोर्ट न करें, हमने आपको सही उत्तर देने की पूरी कोशिश की है}

\huge \fbox \pink{★उत्तर \:  \:  \:  \:  \:  \:  \: ✎}

पुस्तके अनमोल होती हैं। वे हमारी सच्ची साथी होती हैं। उनसे हमारे ज्ञान का विस्तार होता है, इसलिए मुझे पुस्तके पढ़ना बेहद पसंद है। मैं अपने विद्यालय के पुस्तकालय में जाकर तरह-तरह की पुस्तकें भी पढ़ता हूँ। आजकल जगह-जगह पर पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाता है। जहाँ पर सभी विषयों से संबंधित पुस्तके आसानी से मिल जाती हैं। पिछले महीने मेरे विद्यालय के पास के बड़े मैदान में ऐसी ही एक पुस्तक प्रदर्शनी लगी थी। वह प्रदर्शनी एक सप्ताह तक थी। हमारे अध्यापक ने मुख्याध्यापक को इस प्रदर्शनी के बारे में बताया तथा

विद्यार्थियों को उस प्रदर्शनी में ले जाने की अनुमति माँगी। अनुमति प्राप्त होने पर अध्यापक हमें भोजन अवकाश के बाद पुस्तक प्रदर्शनी में ले गए।

पुस्तक प्रदर्शनी में प्रवेश करते ही वहाँ का माहौल देखने लायक था। वहाँ अलगअलग विषयों के अनुसार कई सारे बुकस्टॉल लगे हुए थे। हर बुकस्टॉल में बड़ी-बड़ी अलमारियाँ थीं, जिनमें पुस्तकें एकदम व्यवस्थित ढंग से रखी हुई थीं। हर स्टॉल पर तीन से चार लोग थे, जो पुस्तकों के विषय में जानकारी देने तथा लोगों को पुस्तकें दिखाने का कार्य कर रहे थे। हमने कुछ स्टॉल पर जाकर पुस्तकों से संबंधित जानकारी प्राप्त की। फिर हम बच्चों के मनोरंजन हेतु बनाई गई पुस्तकों के स्टॉल पर पहुँचे, जहाँ अकबरबीरबल, तेनालीराम, कृष्ण-सुदामा, परियों की कहानियाँ आदि मनोरंजक पुस्तकें अलमारी में रखी गई थीं। स्टॉल पर उपस्थित लोगों ने

परियों की कहानियाँ आदि मनोरंजक पुस्तकें अलमारी में रखी गई थीं। स्टॉल पर उपस्थित लोगों ने हमें पुस्तकों की कहानियों के बारे में बड़े ही रोचक ढंग से जानकारी दी। मैंने अपने छोटे भाई के लिए अकबर-बीरबल की कहानियों वाली पुस्तक खरीदी। पूरा मेला घूमने के बाद अंत में हम हिंदी लेखकों की जीवनी, आत्मकथाएँ तथा कविताओंवाले बुक स्टॉल पर गए। जहाँ पर हमने हिंदी कवियों एवं लेखकों की रचनाओंके बारे में जानकारी प्राप्त की। मैंने और मेरे कुछ सहपाठियों ने हिंदी कहानियों तथा कविताओंकी पुस्तकें भी खरीदीं। पूरी पुस्तक प्रदर्शनी घूमते-घूमते एक घंटा हो गया था। पुस्तक प्रदर्शनी घूमने के बाद अध्यापक हमें विद्यालय ले गए और फिर हमसे पुस्तक प्रदर्शनी के अनुभव के बारे में पूछा। हम सबने अपने-अपने अनुभव शिक्षक को बताएँ। शाम को घर जाकर मैंने अपने अभिभावकों को पुस्तक

मेले में बिताए एक घंटे को पूरे विस्तार से बताया और वहाँ से खरीदी पुस्तकें भी दिखाइर्।

यह पुस्तक प्रदर्शनी बहुत ही शानदार थी। इसमें बिताया एक घंटा मुझे हमेशा याद रहेगा।

Answered by VishnuDhavale
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Answer:

१८ जुन को हमे वाचनालय लेकर गाये ते

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