वाचन प्रेरणा दिन समारोह पर वृत्तांत
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पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के मौके पर महाराष्ट्र में इस दिन को वाचन प्रेरण दिवस के रुप में मनाया जाएगा। 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में उनका जन्म हुआ था। महाराष्ट्र सरकार ने हर साल इस दिन को वाचन (पढ़ाई) प्रेरणा दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से 15 अक्टूबर को राज्य के सभी स्कूलों में इस दिन को वाचन प्रेरणा दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस अवसर पर, राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। साथ ही मंत्रालय में भी मराठी भाषा विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े मंत्रालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे , जिसमें पुस्तक पढ़ने का आयोजन किया गया है। दरअसल एपीजे अब्दूल कलाम को पढ़ने का शौक था। इसके साथ ही कई तरह के पुस्तको के प्रकाशन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
1962 में एपीजे अब्दूल कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े। अब्दुल कलाम भारत के ग्यारवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। अपनी जिवनी को दर्शाने के लिए और युवाओं को मार्गदर्शन देने के लिए उन्होंने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ़ फायर भी लिखी।
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15 अक्टूबर को वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। महाराष्ट्र राज्य के प्रत्येक स्कूल ने उनकी जयंती को वाचन (पढ़ना) प्रेरणा (प्रेरणा) दिवस (दिवस) के रूप में मनाया। डॉ। कलाम का लेखन प्रेरणादायक है। महापुरुष को श्रद्धांजलि के रूप में, स्कूल के छात्रों को बहुत अधिक पढ़ना चाहिए। वाचन प्रेरणा दिवस (प्रेरणा दिवस पढ़ना) छात्रों में पढ़ने की आदतों को प्रोत्साहित करता है।
इस शुभ दिन के अवसर पर कई स्कूल अंतर-विद्यालयीय प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं, जहां मार्गदर्शक और अन्य स्कूली छात्र भी इस तरह के आयोजन में भाग लेते हैं। स्कूल इस दिन पढ़ने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकें प्रदान करता है जहाँ इस दिन पूरे भारत में अधिकतम पुस्तकें पढ़ी जाती थीं।