Hindi, asked by dkbkaimur, 3 months ago

विघापति के कावय -सौषठव की विवेचना कीजिए

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Answered by Anonymous
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विद्यापति की पदावली सौन्दर्य की पिटारी है। 'विद्यापति' ने इसमें सौन्दर्य के आतंरिक एवं बाह्य दोनों रूपों का चित्रण बड़े ही सहज ढंग से किया है। इसमें बाहरी और आतंरिक सौन्दर्य को अनेक रूपों में देखा जा सकता है। जैसे– नख-शिख वर्णन, वय:संधि, नोंक-झोक, स्मरण, राधा का प्रेम प्रसंग, सघ:स्नाता का वर्णन, प्रकृति-चित्रण आदि।

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